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भारत रत्न प्रणब मुखर्जी लाए मेवात-गुरुग्राम के सौ गांवों में सामाजिक क्रांति

भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सार्थक प्रयासों से मेवात और गुरुग्राम के सौ से अधिक गांवों में सामाजिक क्रांति आ रही है। प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन द्वारा हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के 126 गांवों को स्मार्ट ग्राम बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इनमें 101 गांव हरियाणा के मेवात और गुरुग्राम के हैं। जहां तकनीक, स्वास्थ्य, खुशी, इंसानियत और भाईचारे को बढ़ाने के मूल मंत्र पर काम चल रहा है।

प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति रहते हुए 2016 में मेवात का रोजका मेव, गुरुग्राम जिले के सोहना का दौहला, अलीपुर और हरचंद तथा इसी जिले के फर्रुखनगर ब्लाक का ताजनगर गांव गोद लिया था। कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्होंने प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन का गठन किया और 101 गावों को गोद लेकर बदलाव की कहानी लिखनी शुरू की। फाउंडेशन की निदेशक एंव पूर्व राष्ट्रपति की तत्कालीन सचिव ओमिता पॉल की देख रेख में इन गांवों को स्मार्ट बनाने की मुहीम को गति प्रदान की जा रही है। इनमें मेवात के 20, गुरुग्राम जिले के सोहना ब्लॉक के 60 और फर्ररूखनगर ब्लॉक के 20 गांव शामिल हैं। फाउंडेशन की निदेशक एवं राष्ट्रपति की तत्कालीन सचिव ओमिता पॉल की देखरेख में इन गांवों को स्मार्ट बनाने की मुहीम को गति प्रदान की जा रही है। इनमें मेवात के 20, गुरुग्राम जिले के सीहना ब्लाक के 60 और फर्रुखनगर ब्लॉक के 20 गांव शामिल हैं।

फाउंडेशन की निदेशक ओमिता पॉल के अनुसार हरियाणा की जगमग योजना से पहले ही प्रणब मुखर्जी के गोद लिए गांवों में 24 घंटे बिजली की व्यवस्था हो गई थी।

हुए उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने तथा मुफ्त ट्रेनिंग की व्यवस्था को गई है। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां फाउंडेशन की ओर से शिक्षकों की नियुक्ति की गई, ताकि कोई बच्चा शिक्षा से बीचित न रह सके। प्रणब मुखर्जी के गोद लिए इन गांवों में जींद जिले के बीबीपुर माइल आफ बुमैन इंपावरमेंट एंड विलेज डेवलपमेंट के माल को भी लागू किया गया है, जिसके जरिए विकास के साथ साथ घरेलू और सामाजिक हिंसा का विरोध पॉल की देखरेख में इन गांवों को स्मार्ट के अनुसार हरियाणा की जगमग योजना से किया गया। इन गांवों में लैंगिक असमानता को दूर करने, वाई-फाई की उपलब्धता, आर्गेनिक खेती, सेल्फ हेल्फ ग्रुप को प्रोत्साहन देते हुए उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने तथा मुफ्त ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है।

जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां फाउंडेशन की ओर से शिक्षकों की नियुक्ति की गई, ताकि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रह सके। प्रणब मुखर्जी के गोद लिए इन गांवों में जींद जिले के बीबीपुर माडल आफ वूमैन इंपावरमेंट एंड विलेज डेवलपमेंट के माडल को भी लागू किया गया है, जिसके जरिये विकास के साथ-साथ घरेलू व सामाजिक हिंसा का विरोध किया गया। इन गावों में 50 स्कूल ऐसे हैं, जहां मास्टर कम हैं, जिन्हेंं फांउडेशन के खर्च पर इन स्कूलों में रखा गया है। पांच गांवों में आयुष केंद्र बनाए गए, जबकि 13 गांवों में खारे पानी की समस्या के चलते वाटर एटीएम लगाए गए हैं।

सफाई शिक्षा का महत्व जान रहे लोग गुरुग्राम के गांव दौला, नयागांव और ताजनगर में गांवों की काफी सूरत बदली है। लोग सफाई और शिक्षा का महत्व जानने लगे हैं। बच्चों को एजुकेशन को लेकर जागृति आई है। जलभराव की समस्या पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। गांव गाजीपुर जिले के किसान रामवीर सिंह के अनुसार फाउंडेशन ने उन्हें आर्गेनिक खेती के लिए बीज व अन्य प्रोत्साहन देकर प्रोत्साहित किया है। दौला गांव के ओमप्रकाश और ताजनगर के मसालों का काम करने वाले प्रदीप का कहना है कि उनके सामने मार्केटिंग के भी नए अवसर पैदा हुए हैं।

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